Monday, May 5, 2008

घर बैठे मिलेगी बैंक की सेवाएं मुख्य मंत्री द्वारा वित्तीय समावेशन योजना का शुभारंभ

घर बैठे मिलेगी बैंक की सेवाएं
मुख्य मंत्री द्वारा वित्तीय समावेशन योजना का शुभारंभ
        सुदूरवर्ती ग्रामीण अंचलों में निवासरत समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को घर बैठे बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए बैंक ऑफ इंडिया द्वारा वित्तीय समावेशन योजना लागू की गई है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने रविवार को रेहटी में वित्तीय समावेशन योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने आई.टी.इनेबिल्ड कार्ड संचालित करने वाली मशीन इमफास्ट का अवलोकन किया और ग्राम ऊंचाखेड़ा और होलीपुरा के नि:शक्तजनों को कार्डो का वितरण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गरीब एवं निम्न आय वर्ग के लोगों को समर्थ योग्य लागत पर बैंकिग सेवाएं प्रदान करने के लिए लागू की गई इस योजना पर खुशी जाहिर की।
इस मौके पर प्रदेश के ग्रामोद्योग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री करणसिंह वर्मा, अध्यक्ष वन विकास निगम श्री गुरूप्रसाद शर्मा, अध्यक्ष वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन श्री राजेन्द्र सिंह राजपूत, अध्यक्ष मार्कफेड श्री रमाकांत भार्गव, श्री शिव चौबे सहित अन्य जन प्रतिनिधि मौजूद थे।
बैक ऑफ इंडिया के आंचलिक महाप्रबंधक श्री दीपक गुहा ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया मध्यप्रदेश में वित्तीय समावेशन योजना क्रियान्वित करने वाला पहला बैंक है। बुधनी तहसील से जिस योजना की शुरूआत की जा रही है उसे बैंक की सभी शाखाओं में क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक 5 सौ से अधिक खाते खोलकर स्मार्ट कार्ड तैयार किए गए हैं। बुधनी ब्लाक के होलीपुरा और ऊंचाखेड़ा ग्रामों का प्रायोगिक तौर पर चयन किया गया है। बैंक द्वारा ग्रामीणों को घर बैठे बैकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को अपने पैसे जमा कराने और निकालने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि बैंक द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच कर यह कार्य किया जाएगा।
इस मौके पर कलेक्टर श्री राघेवन्द्र कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, जिला पंचायत सीईओ श्री अरूण कुमार तोमर, इंटीग्रा कंपनी के प्रबन्ध संचालक श्री जैन, प्रतिनिधि श्री गौतम, बैंक ऑफ इंडिया आंचलिक कार्यालय के मुख्य प्रबन्धक श्री एन.पी.पराते, जिला प्रबन्धक श्री एन.के.खरे मौजूद थे।

क्या है वित्तीय समावेशन योजना

प्रबंधक अग्रणी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया श्री नरेन्द्र खरे ने बताया कि वित्तीय समावेशन योजना में ऐसे व्यक्तियों को बैंकिंग सुंविधा मुहैया कराई जाएगी जो किन्हीं कारणों के चलते बैंक जाने में असमर्थ हैं। अशिक्षित, गरीब और कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को घर बैठे राशि जमा कराने और निकालने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ग्रामीणों के खाते खोलने की कार्यवाही की जा रही है। व्यक्ति की पहचान के लिए अगूंठा और उगलियों के निशान लेकर स्मार्ट कार्ड तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत बैंक द्वारा एजेन्ट को नियुक्त किया गया है।

खाद्यान्न का अनुविभागवार पुनरबंटन

    लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिले को माह मई,08 हेतु बी.पी.एल. उपभोक्ताओं के लिए 1370 मेट्रिक टन गेहूं 315 मेट्रिक टन चॉवल एवं 186 मेट्रिक टन शकर तथा ए.पी.एल उपभोक्ताओं के लिए मई,08 से मार्च,2009 के लिए 106 मेट्रिक टन गेहूं एवं 42 मेट्रिक टन चॉवल गेहूं आबटित किया गया है जिसका राशन कार्ड के मान से अनुविभागवार पुनरबंटन कर दिया गया है। सहायक आपूर्ति अधिकारी/कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मार्केटिंग सोसायटी से खाद्यान्न तत्काल शासकीय उचित मूल्य की दूकानों पर भिजवाना सुनिश्चित करें।

जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा जारी पुनरबंटित आदेश के मुताबिक अनुविभाग सीहोर नगर के बी.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 1162 क्विंटल तथा चॉवल 268 क्विंटल एवं ए.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 65 क्विंटल तथा चॉवल 26 क्विंटल तथा 161 क्विंटल शकर, ग्रामीण सीहोर के बी.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 3210 क्विंटल तथा चॉवल 739 क्विंटल एवं ए.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 255 क्विंटल तथा चॉवल 101 क्विंटल 435 क्विंटल शकर पुनरबंटित की गई है।

इसी तरह अनुविभाग आष्टा के बी.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 3765 क्विंटल तथा चॉवल 865 क्विंटल एवं ए.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 299 क्विंटल तथा चॉवल 119 क्विंटल 492 क्विंटल शकर, अनुविभाग इछावर के बी.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 2355 क्विंटल तथा चॉवल 541 क्विंटल एवं ए.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 113 क्विंटल तथा चॉवल 45 क्विंटल 310 क्विंटल शकर,  अनुविभाग नसरूल्लागंज के  बी.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 1554 क्विंटल तथा चॉवल 357 क्विंटल एवं ए.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 179 क्विंटल तथा चॉवल 70 क्विंटल तथा 234 क्विंटल शकर और अनुविभाग बुधनी के बी.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 1654 क्विंटल तथा चॉवल 380 क्विंटल एवं ए.पी.एल. परिवार के राशन कार्डधारियों के लिए गेहूं 149 क्विंटल तथा चॉवल 59 क्विंटल और 234 क्विंटल शकर  का पुनरबंटन किया गया है।

ठेकेदारों से वसूला जाएगा कार्य दण्ड
समय सीमा में कार्य नहीं करना मंहगा पड़ा

    निर्धारित समय सीमा में कार्य नही करना ठेकेदारों को उस समय मंहगा पड गया जब कार्य पालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने इस अनियमितता के चलते उन्हें नोटिस थमाते हुए कार्य तीस दिन में पूरा करने की हिदायत दी। साथ ही साढ़े तीन हजार रूपये प्रतिदिन के मान से कार्य दण्ड वसूलने का भी नोटिस दे दिया।

    कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण न करने के चलते ठेकेदार आर.के. गुप्ता एवं ठेकेदार एम.पी.गुप्ता बांदा रोड अटर्रा जिला बांदा उत्तर प्रदेश और चार मीनार ड्रिलिंग कंपनी ए.बी.रोड व्यावरा म.प्र. को बाकायदा लिखित में ताकीद की है कि वे बचा हुआ कार्य तीस दिन में पूरा करें। ठेकेदारों को यह भी नोट कराया गया है कि विलम्ब के लिए विस्तृत निविदा प्रारूप की धारा 16.13 एवं अनुबंध की धारा 13 के मुताबिक उनसे साढ़े तीन हजार रूपये प्रतिदिन के हिसाब से कार्य दण्ड वसूला जायगा।

    गौरतलब है कि ठेकेदार आर.के. गुप्ता को गोपालपुर और ठेकेदार एम.पी.गुंप्ता को अकोला तथा छापरी में उच्च स्तरीय टंकी निर्माण का कार्य सौंपा गया था। अनुबंध के मुताबिक यह कार्य क्रमश: 15 फरवरी,08 तथा 21 और 15 मार्च,08 को पूरा किए जाना थे जिनमें अभी तक 35 और 20 और 35 फीसदी कार्य किया गया। इसी तरह चार मीनार ड्रिलिंग कंपनी को खंडावड और बर्सेतपुर में उच्च स्तरीय टंकी निर्माण के कार्य सौपे गए थे जिन्हें  15 फरवरी,08 तक पूरा होना था । ये कार्य अभी अपूर्ण हैं।

    यहां यह भी उल्लेखनीय है कि गत दिवस कलेक्टर श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई थी। समीक्षा के दौरान इन कार्यों के निर्धारित अवधि में पूरा नहीं होने पर कलेक्टर द्वारा गहन नाराजी व्यक्त की गई जिसकी परिणिति संबंधित ठेकेदारों से साढ़े तीन हजार प्रतिदिन के मान से कार्य दण्ड वसूलने के रूप में हुई।

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